सोमवार, 24 अक्टूबर 2011

जला कर तो देखो …


आस्था का तेल 
और दिल की बाती
यही है सच ही में
मुहब्बत की थाती
स्नेह पगे  फ़ूल
खिला कर तो देखो
मुहब्बत का दिया
जला कर तो देखो .
 
बाती से मिले बाती
तो हो रोशनी प्रज्ज्वलित
अपेक्षाएं हों  सीमित
तो प्रेम हो विस्तृत
समर्पण को ज़रा
विस्तार दे के देखो
मुहब्बत का दिया
जला कर तो देखो .
 
ऐसे दीयों की जब
सजी हो दीपमाला
हर दीप होगा अमर
नहीं चाहिए होगी हाला
नशे में इसके  खुद को
डुबा कर तो देखो
मुहब्बत का दिया
जला कर तो देखो ..

दीपावली की शुभकामनायें

26 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत सुन्दर रचना .
    धनतेरस व दीपावली की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं !

    जवाब देंहटाएं
  2. 'मुहब्बत का दिया
    जला कर तो देखो.....ज़रूर अमल करेंगे !

    दिवाली की असीम शुभकामनाएँ !

    जवाब देंहटाएं
  3. अच्छा गीत।
    धनतेरस और दीपावली हार्दिक वधाई।

    जवाब देंहटाएं
  4. हमने तो आपके प्रति दीयां जला रखा है। दीपावली की शुभकामनाए। मेरी पुस्‍तक पढ़ ली हो तो जरा दो लाइने उस पर भी लिख दें।

    जवाब देंहटाएं
  5. मुहब्बत का दिया ....
    दीपावली की शुभकामनाएं

    जवाब देंहटाएं
  6. प्यार का संदेश प्रचारित करती बहुत सुन्दर रचना ! धनतेरस एवं दीपावली की आपको हार्दिक शुभकामनायें !

    जवाब देंहटाएं
  7. आपको एवं आपके परिवार के सभी सदस्य को दिवाली की हार्दिक बधाइयाँ और शुभकामनायें !
    मेरे नए पोस्ट पर आपका स्वागत है-
    http://seawave-babli.blogspot.com/
    http://ek-jhalak-urmi-ki-kavitayen.blogspot.com/

    जवाब देंहटाएं
  8. समयोचित संदेश देती हुई कविता .
    धनतेरस एवं दीपावली की हार्दिक बधाई एवं शुभ कामनायें !

    जवाब देंहटाएं
  9. वाह वाह बहुत सुन्दर संदेश देती रचना…………दीपावली की हार्दिक शुभकामनायें।

    जवाब देंहटाएं
  10. प्रकाश का यह पर्व सबके मन में उजाला भरे इसी कामना को दर्शाती यह रचना बहुत सही संदेश प्रेषित कर रही है।
    दीपावली की शुभकामनाएं।

    जवाब देंहटाएं
  11. प्रकाश पर्व पर शब्द्दीप की अनुपम अभिव्यक्ति "मुहब्बत का दिया
    जला कर तो देखो"

    जवाब देंहटाएं
  12. दीपावली की हार्दिक शुभकामनाओ के साथ ………

    आपकी रचनात्मक ,खूबसूरत और भावमयी
    प्रस्तुति आज के तेताला का आकर्षण बनी है
    तेताला पर अपनी पोस्ट देखियेगा और अपने विचारों से
    अवगत कराइयेगा ।

    http://tetalaa.blogspot.com/

    जवाब देंहटाएं
  13. आपको दीवाली की ढेरों शुभकामनायें।

    जवाब देंहटाएं
  14. सही कह रही हैं। सामंजस्य बिठाना कुछ खोना नहीं है। वह तो स्वयं को विस्तार देने जैसा है। जीवन में यह भाव उतर आए,तो रोज़ दीवाली समझिए।

    जवाब देंहटाएं
  15. दीये की लौ की भाँति
    करें हर मुसीबत का सामना
    खुश रहकर खुशी बिखेरें
    यही है मेरी शुभकामना।

    जवाब देंहटाएं
  16. बाती से मिले बाती
    तो हो रोशनी प्रज्ज्वलित
    अपेक्षाएं हों सीमित
    तो प्रेम हो विस्तृत
    समर्पण को ज़रा
    विस्तार दे के देखो
    वाह ...बहुत खूब ...दीपोत्‍सव की शुभकामनाओं के साथ बधाई ।

    जवाब देंहटाएं
  17. मन में प्रेम के दिए जलाती सुन्दर रचना.

    आप और आपके परिवार को दिवाली की ढेरों शुभकामनायें.

    जवाब देंहटाएं
  18. @बाती से मिले बाती
    तो हो रोशनी प्रज्ज्वलित !
    बहुत सुंदर और पवित्र भावों पर आधारित कविता के लिए आभार .याद आ गया वह सदाबहार गीत-
    "ज्योत से ज्योत जलाते चलो
    प्रेम की गंगा बहाते चलो !"
    आपको सपरिवार ज्योति पर्व की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं .

    जवाब देंहटाएं
  19. समर्पण को ज़रा
    विस्तार दे के देखो
    मुहब्बत का दिया
    जला कर तो देखो
    समर्पण का विस्तार ही तो हमें कहीं जोड़ता है एव कही तोड़ता है एवं फिर इस जोड़ने और तोड़ने की प्रक्रिया के मध्य जीवन का एक परम सत्य प्रेम बनकर हमें यह कहने पर मजबूर कर देता है कि हमारा और तुम्हारा संबंध एक दिया और बाती के रूप में एकाकार होकर परम सत्य के अप्रतीम क्षणों के साथ कोई सरोकार कर ले । मानवीय संवेदनाओं के निर्मल पक्ष को अपनी पूर्ण समग्रता में आपकी लिखी गयी कविता अंतस को प्रभावित कर गयी । ।दीपावली की अशेष शुभरामनाओं के साथ ।

    जवाब देंहटाएं
  20. बहुत सुन्दर प्रस्तुति...दीपावली की ढेरों शुभकामनाएं

    जवाब देंहटाएं
  21. वाह .. बहुत सुंदर रचना !!
    .. आपको दीपावली की शुभकामनाएं !!

    जवाब देंहटाएं
  22. दीपावली की ढेरों शुभकामनाएं.

    जवाब देंहटाएं
  23. 'मुहब्बत का दिया
    जला कर तो देखो............बहुत सुन्दर रचना .

    जवाब देंहटाएं

आप अपने सुझाव और मूल्यांकन से हमारा मार्गदर्शन करें